Strict action on sanitary inspector of Gurugram

गुरुग्राम के सैनिटरी इंस्पेक्टर पर कड़ी कार्रवाई, देखें हरियाणा राइट टू सर्विस कमीशन ने क्या लगाया जुर्माना

Gurugram

Strict action on sanitary inspector of Gurugram

चंडीगढ़। हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग द्वारा समय पर सेवा न देने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ सख्ती बरती जा रही है। सही ढंग से सेवा न देने पर नगर निगम गुरुग्राम के एक वरिष्ठ स्वच्छता निरीक्षक ऋषिपाल मलिक पर आयोग ने 20 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। यही नहीं आयोग ने गुरुग्राम के आयुक्त को अगले 30 दिन में सभी कर्मचारियों को सेवा के अधिकार के बारे में जागरूक करने के लिए प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने के निर्देश दिए हैं।

आयोग की सचिव मीनाक्षी राज ने बताया कि ‘सेवा का अधिकार आयोग’ काम के प्रति ढिलाई बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त है। हरियाणा सरकार द्वारा ऑटो अपील सिस्टम (एएएस) की क्रांतिकारी पहल के माध्यम से निर्धारित समय सीमा के भीतर सेवा नहीं देने पर लाभार्थियों को संबंधित विभाग के उच्च अधिकारी को अपील करने का अधिकार दिया जाता है। आयोग को लापरवाही या कार्य में देरी के मामले में संबंधित अधिकारी की जिम्मेदारी तय करने में कठोर निर्णय लेने पड़ते हैं।

मीनाक्षी राज ने बताया कि गुरुग्राम के सेक्टर-12ए निवासी एक व्यक्ति द्वारा क्षेत्र में सफाई व्यवस्था की कमी की शिकायत दी गई थी, जिस पर आयोग ने तत्काल संज्ञान लिया और जांच में यह पाया कि शिकायत सही है। क्षेत्र के वरिष्ठ स्वच्छता निरीक्षक के काम में लापरवाही मिली, जबकि उसके पास 1600 सफाई कर्मचारी हैं। उन्होंने बताया कि आयोग ने कार्रवाई करते हुए वरिष्ठ स्वच्छता निरीक्षक ऋषिपाल मलिक पर 20,000 रुपए का जुर्माना लगाया है।

जांच के दौरान यह भी पता चला कि संबंधित अधिकारी को उनके द्वारा दी जा रही विभिन्न सार्वजनिक सेवाओं के लिए हरियाणा सेवा का अधिकार अधिनियम, 2014 के तहत निर्धारित सेवा के अधिकार (आरटीएस) समय सीमा के बारे में जानकारी नहीं थी। इसलिए ‘सेवा का अधिकार आयोग’ के मुख्य आयुक्त टीसी गुप्ता ने नगर निगम गुरुग्राम के आयुक्त को निर्देश दिए कि वे अपने अधीन काम करने वाले सभी कर्मचारियों के लिए सेवा के अधिकार पर प्रशिक्षण शिविर आयोजित करें। कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए ऑनलाइन या वीसी के माध्यम से प्रशिक्षण हो सकता है। यही नहीं इन आदेशों के जारी होने के 30 दिनों के भीतर अनुपालन की रिपोर्ट दें।